जीवन को सकारात्मक बनाने का सबसे आसान तरीका है, खुद पर भरोसा करना। दुनिया की
बातों पर ध्यान देना छोड़कर, यदि हम खुद के बारे में सोचना और खुद पर समय देना
शुरू कर दें, तो आधी नकारात्मकता यही दूर हो जाएगी और सकारात्मकता के रास्ते
खुद व खुद खुल जाएंगे। हमें असकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर सकारात्मक लोगों से
दोस्ती करने की जरूरत है।
यदि हम सकारात्मक (sakaratmak) लोगों के साथ ज्यादा समय देंगे तो हमारे अंदर
सकारात्मकता विकसित होगी और बुरे ख्याल दूर होंगे।
अब हम जीवन को सकारात्मक कैसे बनाए और सकारात्मक बनने के आसान तरीके की बात करते
हैं –
1. खुद को ज्यादा समय देकर
आज के समय में सबके लिए यही मुश्किल हो गया है, कि खुद के लिए समय कैसे निकाले।
यदि हम ज्यादा समय मोबाइल-लैपटॉप सोशल मीडिया जैसे फेसबुक पर ना देकर अपने
फैमिली को समय दे तो शायद हम खुद के साथ-साथ अपनी फैमिली को भी सकारात्मक बना
सकते हैं।
अपनी प्रॉब्लम को अपनी फैमिली के साथ शेयर कर अपने दिमाग को शांत तो कर ही सकते
हैं, साथ ही साथ हम अपने दिमाग को आसानी से सकारात्मक कर पाएंगे और अच्छे विचार
विकसित कर पाएंगे।
2. खुद को अपने पसंदीदा काम में व्यस्त रख कर
आज लोग अपने करियर के टेंशन में यह बिल्कुल भूल चुके हैं कि आखिर उन्हें क्या
करना सबसे ज्यादा पसंद है। ना ही घूमते हैं ना ही परिवार के साथ बैठते हैं।
यही कारण है कि हम अपने परेशानी (प्रॉब्लम) को अपने अंदर ही रखते हैं। जो हमें
धीरे-धीरे नकारात्मक बनाने लगता है। इससे अच्छा है कि हम प्रॉब्लम शेयर करके
इससे छुटकारा पा लें। और थोड़ा वक्त निकाल कर वह काम कर ले, जो करना हमें पसंद
है।
3. अपना दिनचर्या बनाकर
हमें अपने कामों में इतना भी व्यस्त नहीं होना चाहिए कि हम अपना दिनचर्या बनाना
भूल जाए। दिन की शुरुआत यदि हम व्यायाम (Exercise) और ध्यान (मेडिटेशन,
Meditation) से करें तो शायद हम आसानी से जीवन को सकारात्मक बना सकते हैं।
व्यायाम और ध्यान सिर्फ हमारे शरीर को फिट नहीं करती बल्कि हमारे दिमाग को भी
सकारात्मक और तेज बनाती है। हमारी सारी थकान को दूर कर हमें तरोताजा बनाती है।
व्यस्तता पूर्ण जीवन में दिनचर्या (daily routine) ही हमारे जीवन को सकारात्मक
बनाने की कुंजी है, ताकि हम अपने काम के साथ-साथ एक्सरसाइज मेडिटेशन तथा परिवार
को वक्त दे सकें।
4. प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़कर
प्रेरणादायक पुस्तक हमारे दिमाग को सही राह देकर उसे सकारात्मक बनाती है। हमारे
अंदर हार ना मानने की शक्ति पैदा होती है। आज के समय में सफलता आसानी से मिलना
बहुत कठिन हो चुका है, जिससे लोग आसानी से हार मान जाते हैं, जो उन्हें
नकारात्मक बना देती हैं।
खुद को ऐसे समय में सकारात्मक बना पाना मुश्किल हो जाता है, परंतु प्रेरणादायक
पुस्तकों को पढ़कर हमें ऐसे समय में खुद को सकारात्मक बना पाते हैं।
प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़कर हम अपने समय को इधर उधर की चीजों में ना लगा कर
अपने आप को बेहतर बनाने में और बेहतर समझने में लगाते हैं।
5. सादगी को अपनाकर
खुद को सकारात्मक बनाने के लिए जरूरी है, हम सादगी को अपना ले। हमें जब तक संभव
हो तब तक सादगी का जीवन बिताना चाहिए और दूसरों की तुलना खुद से नहीं करनी
चाहिए। अपना समय दूसरों की नकल ना कर खुद को प्रतिदिन बेहतर बनाने में लगाना
चाहिए।
6. खुश रह कर, मुस्कुरा कर
जीवन में सबसे जरूरी है, खुश रहना। चाहे जो भी परिस्थिति हो हमें हमेशा खुश रहा
कर उसका सामना करना चाहिए। ताकि लोग हमें देख कर हमसे यह सीखना चाहे के
परिस्थितियों का सामना कैसे किया जाए। हमारी मुस्कान हमें ही नहीं बल्कि हमारे
साथ रहने वाले लोगों को, हमारे साथ काम करने वाले लोगों को भी सकारात्मक बनाने
में सहायक होती हैं।
मुस्कुराहट सिर्फ चेहरे की खूबसूरती को नहीं निखारती बल्कि वह हमारे जीवन की भी
खूबसूरती को निखारकर उसे खूबसूरत और सकारात्मक बनाते हैं। इसलिए चाहे कोई भी
परिस्थिति हो हमें उसका सामना मुस्कुरा कर करना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए।
धन्यवाद, अपने कीमती समय को हमें देने के लिए। अपने जीवन में बढ़ते रहिए और खुश
रहिए।
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